सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों के सेवन के अद्भुत फायदेमंद गुण !
अगर आपके घर के सामने नीम का पेड़ है तो आप वाकई बहुत भाग्यशाली हैं। गर्मी में ठंडी हवा देने के साथ ही ये एक ऐसा पेड़ है जिसका हर हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर है. इतना ही नहीं विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी नीम को प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जाता है। नीम की पत्तियां लाइलाज बिमारी में भी दवा का काम करती हैं और लगातार इनका सेवन करने से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। कुछ लोगों के शरीर का इम्युनिटी कम होने पर रोग उन्हें जकड लेते हैं। ऐसे में नीम की पत्तियां औषधि का काम करती हैं, यदि खाली पेट इनका सेवन किया जाये तो कई रोग दूर भाग जायेंगे।
यह अपने औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेदिक मेडिसिन में पिछले चार हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है। नीम के अर्क में मधुमेह यानी डायबिटिज, बैक्टिरिया और वायरस से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। नीम के तने, जड़, छाल और कच्चे फलों में शक्ति-वर्धक और मियादी रोगों से लड़ने का गुण भी पाया जाता है। इसकी छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी होती है।
इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में मदद करते हैं। इसका अर्क मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीस, एलर्जी, अल्सर, हिपेटाइटिस (पीलिया) वगैरह के इलाज में भी मदद करता है। नीम के बारे में उपलब्ध प्राचीन ग्रंथों में इसके फल, बीज, तेल, पत्तों, जड़ और छिलके में बीमारियों से लड़ने के कई फायदेमंद गुण बताए गए हैं। प्राचीन ग्रंथों ‘चरक संहिता’ और ‘सुश्रुत संहिता’ में इसके लाभकारी गुणों की चर्चा की गई है।
“सर्व-रोग-निवारिणी” यानी ‘सभी बीमारियों की दवा।’ लाख दुखों की एक दवा!
नीम के बहुत-से अविश्वसनीय लाभ
यह कैंसर-कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। हर किसी के शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं होती हैं, आप हर दिन नीम का सेवन करें तो ऐसा हो सकता है; इससे कैंसर वाली कोशिकाओं की तादाद एक सीमा के अंदर रहती है,
रक्त धमनियों(आर्टरी) में कहीं कुछ जमना शुरु हो गया हो तो ये उसको साफ कर सकती है।
मधुमेह(डायबिटीज) के रोगियों के लिए भी हर दिन नीम की एक छोटी-सी गोली खाना बहुत फायदेमंद होता है। यह उनके अंदर इंसुलिन पैदा होने की क्रिया में तेजी लाता है।
नीम की पत्ती खाने से पेट संबंधी रोग खत्म हो जाते हैं, साथ ही पेट साफ़ भी हो जाता है और आँतों से जुडी समस्याओं में फायदा पहुँचता है।
रक्त संबंधी विकार दूर होते हैं। ये पत्तियां शरीर को संक्रामक रोगों से भी बचाती हैं।
नीम की पत्ती को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होगा. साथ ही इसके पानी से चेहरा साफ करने पर मुंहासे नहीं होते हैं।
त्वचा संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
लोगों में कान बहने की भी बीमारी होती है, ऐसे लोगों के लिए भी नीम का तेल एक कारगर उपाय है।
शुगर लेवल को कण्ट्रोल करने में भी नीम की पत्तियों का सेवन औषधि की तरह काम करता है।
नीम एक बहुत अच्छा कंडीशनर है। इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर उसके पानी से बाल धोने से रूसी और फंगस जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
नीम खाने से अतिरिक्त वसा भी दूर होने लगती है, ये उपाय वसा को गलाने का काम करता है। जिससे वजन को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलती है।
नीम की दातुन अपने आप में पर्याप्त होती है। नीम की दातुन पायरिया की रोकथाम में भी कारगर होती है। मसूढ़े बार-बार फूलें, ठंडा-गर्म लगे, सांस से बदबू आए तो नीम के पत्ते तोड़कर धोकर साफ कर खूब उबाल कर ठंडा कर सहन करने लायक पानी से कुल्ला करना फायदेमंद होता है।
बुखार लग जाए तो इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी होता है।
अगर आप नीम का सेवन करते हैं, तो वह हानिकारक बैक्टीरिया को आपकी आंतों में ही नष्ट कर देता है। नीम के कुछ पत्तों को पानी में डाल कर रात भर छोड़ दें और फिर सुबह उस पानी से नहा लें। आपके बदन पर के सारे बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे।
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